Monday 13 April 2020

छींक विचार Chhink Vichar

छींक आना वैसे तो एक शारीरिक क्रिया है, परंतु इसे प्राचीन समय से ही अनेक अर्थों में लिया जाता रहा है। उदाहरण के लिए, एक छींक आई तो अशुभ है परन्तु दो छींक आई तो शुभ, जाते हुए आई तो अशुभ, आदि। प्राय: नजला-जुकाम होने पर छींक अधिक आती है, एक के बाद एक छींक आती ही रहती है। लेकिन इस प्रकार की छींक को किसी संकेत से नहींं जोड़ा जाता है। जो छींक अचानक आती है, उसी से प्राय: शुभ-अशुभ का अनुमान लगाया जाता है। तो आज हम छींकने के शुभ अशुभ फल के बारे में चर्चा करेंगे।





राशिफल गुरु द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार छींक के शुभाशुभ फल -

एक छींक अशुभ किंतु उसके साथ की दूसरी छींक उसके अशुभ प्रभाव को काटने वाली होती है। अतः जुगल छींक शुभ होता है।



बायीं ओर की छींक अत्यंत शुभ। उदहारण के लिए यदि आप किसी शिक्षा प्रतियोगिता से सम्बंधित स्वयं से या किसी और बिचार बिमर्श कर रहे है और उसी समय आपके बायीं ओर की कोई छींक देता है तो यह राशिफल गुरु का दवा है की आप उक्त शिक्षा प्रतियोगिता में अवश्य सफल होंगे। 



दायी ओर व सम्मुख (सामने) से छींक अशुभ। उदहारण के लिए यदि आप किसी रिश्ते के लिए घर से निकले और यदि कोई व्यक्ति आपके दाहिने ओर या सामने से छींक देता है तो इसका अर्थ या तो उक्त रिश्ते की बात बिच में ही रुक जाएगी या फिर वह रिस्ता दुःखद अनुभव प्रदान करेगा। 



दवा लेते समय छींक शुभ। उदहारण के लिए यदि कोई मरीज दवाई ले रहा हो या उसे इंजेक्शन पर रही हो और उसीक्षण स्वयं मरीज या कोई और छींकता है तो इसका मतलब वह मरीज निश्चित ही स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करेगा। 



यदि श्मशान में मुर्दा जल रहा हो और उस समय कोई छींकता है तो छींकने वाले को किसी रिस्तेदार के मृत्यु का समाचार मिलता है। 





शकुन शास्त्र के अनुसार छींक के शुभाशुभ फल -



घर से बाहर निकलते समय सम्मुख (सामने) से छींक अशुभ होता है।



बायीं ओर की छींक होने पर धन का लाभ होता है। यानी अगर आपकी बायीं ओर से कोई छींक आए तो शुभ होता है। 



दायी ओर छींक अशुभ होता है।



पीठ पीछे की छींक शुभ और सुख देती है।यानी अगर आपके पीछे कोई छींकें तो शुभ होता है।



ऊपर की ओर की छींक शुभ फल व नीचे की ओर की छींक भय देने वाली होती है।



यात्रा के समय यदि खुद को छींक आये अथवा कोई दूसरा व्यक्ति सामने दाई ओर या नीचे की ओर छींके तो यात्रा नहीं करनी चाहिए।



व्यापार आरंभ करने से पहले छींक आना व्यापार में सफलता का सूचक है।



भोजन प्रारम्भ करने से पहले छींक की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है।



नए मकान में प्रवेश करते समय यदि छींक सुनाई दे तो प्रवेश स्थगित कर देना ही उचित होता है या फिर किसी योग्य ब्राह्मण से इसके बारे में विचार कर ही घर में प्रवेश करना चाहिए।



कोई मरीज यदि दवा ले रहा हो और छींक आ जाए तो वह शीघ्र ही ठीक हो जाता है।



कुत्ता, बिल्ली, कन्या, विधवा, मालिन, धोबिन, रजस्वला, वेश्या, चमयीन (हरिजन स्त्री) की छींक विशेष अशुभ होती है। ऐसा कहा जाता है और इसका कई जगह वर्णन है 




आसनन, शयन, शौच, दान, भोजन, औषधि सेवन, विद्यारम्भ, बीजारोपण के समय, युद्ध या विवाह में जाते समय छींक हो तो यह छींक शुभ फलदायी होती है।



बीमार आदमी, बालक और वृद्धि की छींक तथा एक साथ कई छींको का होना निष्फल रहता है।



सोने से पहले और जागने के तुरंत बाद छींक की ध्वनि सुनना अशुभ माना जाता है।



रसोई में दूध उबलते समय यदि गृहिणी छींक दे तो आपत्तिजनक है।



यदि शुभ कार्य के लिए जाते समय गाय या उसका बछड़ा छींक दे (जुगल छींक) तो निश्चित कार्य सिद्धि होती है। यह शकुन धन वृद्धि का भी सूचक है।



रास्ते में अथवा घर के बाहर यदि कुत्ता छींक दे तो विघ्न/विपत्ति की सूचना देता है, लेकिन यदि कुत्ता एक से अधिक बार छींक दे तो विपत्ति के टल जाने की संभावना है।



दवाई का सेवन करते समय यदि छींक आए और औषधि गिर जाए तो रोग का निवारण शीघ्र होता है तथा बीमार व्यक्ति शीघ्र ही अच्छा स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करता है। 



यदि आपके मार्ग में गजराज छींक दे तो राज्य लाभ होता है।



श्मशान, दु:स्थान तथा किसी दुर्घटना स्थल पर कोई व्यक्ति छींक देता है तो इसे वैदिक साहित्य में शुभ माना जाता है।



ऊंची (ऊँची आवाज) छींक बड़ी ही उत्तम होती है। 



नीची (निम्न आवाज) छींक बड़ी दुखदायिनी होती है। 



चलते समय अपनी छींक बड़ा दुख देने वाली होती है।



महामारी, दुर्भिक्ष या भूकम्प की सूचना पर यदि जीव-जंतु तथा मनुष्य छींक दे तो अनिष्ट के दूर होने की संभावना रहती है।



गाय की छींक मरण तुल्य होती है। 



नींद में बिस्तर से उठते समय छींकना अशुभ।



खाने के समय का छींकना अशुभ। 



भोजन के बाद छींकना अशुभ।


किसी अशुभ प्राकृतिक संकेत को देखते समय छींकना शुभ।



किसी नए कार्य की योजना बनाते या किसी यात्रा पर जाते समय की छींक अशुभ होती है।


किसी बस्ती या मोहल्ले में प्रवेश करते समय कोई छींक दे तो अशुभ।


नई पोशाक पहनते समय छींकना शुभ।


मरीज जब इलाज के लिए दवाखाने में प्रवेश करता है, उस समय उसे छींक आने का अर्थ अशुभ।



दवा लेते समय छींकना शुभ।



किसी वाहन में सवार होते समय छींकना अशुभ।



झगड़ा शुरू करते समय छींकना शुभ।



सोने से पूर्व छींकना अशुभ।



किसी नए पाठ्यक्रम में दाखिले के समय छींकना शुभ।




खेतों में बुआई के समय छींकना शुभ होता है।




अगर आपकी उपस्थिति में कोई लगातर छींके तो यह आपके लिए समृद्धि के आगमन का संकेत है।


आपने स्वयं छींक दिया तो उसका फल महा अशुभ यदि आप कहीं जा रहें है और आपने स्वयं छींक दिया तो उसका फल महा अशुभ होता है और जिस काम से जा रहें उसमें बाधायें आयेंगी। अगर लगातार दो छींके आ गई तो दोष समाप्त हो जाता है। छींक आने के बाद भी अगर जाना आवश्यक है तो थोड़ी मिश्री खाकर दों घॅूट जल पीकर ही निकले।



शराब पीकर, सूंघनी से होने वाली छींक, बच्चे और बूढ़े की छींक और जानबूझकर छींकना निष्फल होती है। इससे कोई हानि नहीं होती है। कोशिश करने पर यदि छींक न रुके तो मनुष्य जिस कार्य के लिए जा रहा है उसमे विघ्न अवश्य होगा।




अगर आपको भ्रम हो की ये छींक अच्छी है या खराब तो छींकने के बाद 2 मिनट के लिए बैठ जाएं। और पानी पियें। उसके बाद आप अपने काम, यात्रा या शुभ कार्य को करने के लिए जा सकते है। इससे छींक का प्रभाव खत्म हो जाएगा और आपके कार्य में किसी तरह की बाधाएं नहीं आएंगी।

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