Monday 20 April 2020

CORONA कोरोना का इलाज लहसुन

कोरोना या कोई भी महामारी हो लहसुन एक रामबाण इलाज है किसी भी तरह की महामारी या बीमारी में लहसुन एक कारगर इलाज होता है।(लहसुन से कौन कौन सी समस्या का समाधान संभव है या लहसुन में कौन कौन से तत्वा होते है यह इस लेख में निचे की ओर है) यहाँ हम कोरोना से बचने के लिए लहसुन का सेवन कैसे करना है उसपर चर्चा कर रहे है। आप जब भी बाहर से घर आए तो सबसे पहले 4-5 लहसुन (कच्चा लहसुन) की कली (लहसुन के गांठ की बात नहीं कर रहा हूं) मै लहसुन के कली की बात कर रहा हूं 4-5 लहसुन के कली को नमक के साथ चबाकर खाएं और गर्म पानी पी ले इससे कोरोना के जीवाणु (virus ) या अन्य कोई भी बीमारी या महामारी के जीवाणु
(जी की आपके मुख, गले या आंत (liver ) में होंगी ) उनका सफाया हो जाएगा। हाँ लहसुन चबाने से जीभ, मसूड़े जल जाते हैं थोड़ा जलन व दर्द होता है क्योंकि लहसुन में प्रचुर मात्रा में सल्फुरिक एसिड होता है जिसके कारण जलन होती है और इस एसिड से कोरोना के वायरस जलकर खत्म हो जाते हैं चाहे वह मुख में हो या गले में हो जिस जगह से लहसुन गुजरता है कोरना के वायरस को जलाकर समाप्त कर देता है।अतः आप जजब भी बहार से (काम धंधे से ) वापस घर आए तो सबसे पहले स्वयं का पहनेहुए वस्त्र धोकर नहाने के बाद ४-५ काली लहसुन के गांठ से निकाल कर उसके छिलके को हटाकर साफ करलें और नमक के साथ इसे चबाकर निगल जाएं और एक ग्लास हल्का गरम पानी पि लें तो कोरोना से अवस्य बचाव होगी। यदि आप कच्चा लहसुन का सेवन नियमित करें तो कोरोना का वायरस आपको नहीं छुएगा और यदि किसी को कोरोना होगया है तो उनको भी इस कच्चे लहसुन से अवश्य लाभ होगा।


कंट्रोवर्सी - लहसुन और प्याज में अमृत का अंश होने के बावजूद भी पूजा पाठ में इसका उपयोग नहीं होता क्यों-
लहसुन की उत्पत्ति कब, कैसे और कहां हुई - जब समुद्र मंथन में अमृत निकला तो देवों को अमृत बांटा गया लेकिन गलती से एक राक्षस को भी विष्णु ने अमृत पिला दिया तब सूर्य और चंद्र देव ने विष्णु के पास जाकर कहा कि प्रभु आपने एक राक्षस को अमृत पिला दिया है तब विष्णुजी ने अपने सुदर्शन चक्र से उस राक्षस का सर उसके धड़ से अलग कर दिया परन्तु उस असुर के मुख से जो अमृत उसके गले के माध्यम से उसके धड़ तक पहुंच रहे थे उसमें से दो बूंद अमृत रक्त समेत (रक्त मिश्रित अमृत) पृथ्वी पर गीरे और यह प्याज और लहसुन के रूप में उत्पन्न हुए इसी कारण से लहसुन और प्याज अमृत के समान लाभकारी होता है। हालांकि इसमें दुर्गंध और तामस होता है, उसका कारण है कि वह राक्षस के मुख में जा चुका था और धड़ काटने से रक्त मिश्रित हो चुका था और यही कारण है कि लहसुन और प्याज में तमस होता है। परंतु यह मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए और किसी भी तरह की महामारी और बीमारी में यह अत्यंत लाभप्रद है आप आजमा कर देख सकते हैं। यदि आप कच्चा लहसुन का सेवन नियमित करें तो कोरोना का वायरस आपको नहीं छुएगा और यदि किसी को कोरोना होगया है तो उनको भी इस कच्चे लहसुन से अवश्य लाभ होगा।

लहसुन और प्याज में अमृत का अंश होने के बावजूद भी पूजा पाठ में इसका उपयोग नहीं होता क्योंकि इसकी उत्पत्ति एक असुर के रक्त के मिश्रण से हुआ है और इस कारण से यह दुर्गंध तथा तमस प्रदान करता है इसे सात्विक आहार भी नहीं माना जाता। 
उदाहरण के लिए मैं स्वयं का बात बताता हूं मुझे घर से ऑफिस जाने में 2 घंटे लगते हैं और ऑफिस से आने में 2 घंटे लगते हैं सैकड़ों लोगों से मिलते हुए सैकड़ों लोगों का सामना करते हुए बस का जर्नी करते हुए मैं ऑफिस जाता और आता हूं इसी बिच यह पता चला कि हमारे ऑफिस में ही कई लोगों को कोरोना हो गया है क्योंकि आज की तारीख में प्रत्येक ऑफिस में सेंट्रलाइज्ड ए.सी. होती है नतीजतन कोरोना के फैलने में देरी नहीं होती पहले एक और फिर कई लोगों को यह वायरस लग गया। डर के मारे मेरा भी जान सूख रहा था लेकिन मैं बचपन से दादी नानी के जमाने से सुनते आ रहा हूं कि लहसुन हर महामारी का इलाज है तो मैं रोज यही काम करता हूं ऑफिस से आने के बाद कपड़ा धोकर नहाने  के बाद सबसे पहले 5-6 लहसुन और नमक चबा कर निगलता हूं। हाँ लहसुन चबाने से जीभ, मसूड़े जल जाते हैं दर्द होता है क्योंकि लहसुन में प्रचुर मात्रा में सल्फुरिक एसिड होता है जिसके कारण जलन होती है और इस एसिड से कोरोना के वायरस जलकर खत्म हो जाते हैं चाहे वह मुख में हो या गले में हो जिस जगह से लहसुन गुजरता है कोरना के वायरस को जलाकर समाप्त कर देता है। 

लहसुन के फायदे
१. कोरोना से बचाता है। 
२. बुखार में लाभदायक है - यदि किसी को बुखार है तो सुबह-सुबह खाली पेट चार-पांच दाने लहसुन के पीसकर  पी लें तो फायदा होगा। 
३. यदि किसी की हड्डी टूट गई है तो 1 किलो दूध में 50 से 100 ग्राम तक लहसुन (उम्र अनुसार) उबालकर नियमित तीन महीने तक पीने से लाभ मिलता है। 
४. पहले के जमाने में जब टीवी (अर्थात यक्ष्मा / क्षय रोग)  का इलाज नहीं बना था उस समय में लहसुन ही एकमात्र इलाज था। जिसमें 100 से ढाई सौ ग्राम लहसुन को घी में भुज कर मरीज को रोज खिलाया जाता था जिससे कि उसकी कफ की समस्या खत्म होती थी और यक्ष्मा का इलाज होता था यह नियमित उपचार चलता था। 
५. किसी भी प्रकार के खासी में लहसुन का उपयोग अत्यंत लाभप्रद होता है। 
६. सर्दी व जुकाम में लहसुन आराम देता है। 
७. दाद के ऊपर लहसुन रगड़ने से दाद ठीक हो जाता है। 

८. मोटापा (चर्बी / मेद ) दूर करने में सक्षम।

९. सेक्स (काम / वासना) सम्बन्धी समस्याओं को ठीक करता है।



लहसुन का सेवन विधि अर्थात खाने का तरीका 
 लहसुन को दूध में उबालकर पी सकते हैं
 लहसुन की सब्जी भी बनती है तो सब्जी बना कर खा सकते हैं
 लहसुन को घी में तल के सेवन करना अत्यंत लाभप्रद होता है
 लहसुन को सरसों के तेल में मस्टर्ड ऑयल में भी पका कर के या भुज करके खाना लाभप्रद होता है
 इसके अलावा कच्चा लहसुन चबाकर खाना और फिर एक गिलास गर्म पानी पीना अत्यंत लाभप्रद रहता है

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