Sunday 14 August 2022

छठ पूजा देवी पूजा है देव पूजा ?

छठ पूजा यह किसी देवी की पूजा है या किसी देवता की पूजा है, खोज का बिषय है। कहा जाता है कि द्वापर युग में अंग देश के राजा कर्ण ने इस पूजा की शुरुआत की थी। षष्ठी के दिन डूबता सूर्य को इस पूजा की पहली अर्घ दिया जाता है और सप्तमी के दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ इस पूजा का समापन होजाता है। षष्ठी से छठी हो गया यहां तक तो समझ आता है परन्तु यह मैया या माता कैसे बन गया यह यह खोज का बिषय है। हमें लगता है कि सर्वशक्तिमान देवता , भगवान या सूर्य इनका कोई लिंग नहीं है इनको हम माता भी कह सकते हैं और पिता भी कह सकते हैं यह भी ठीक है परंतु आजकल मूर्ति पूजन की  परंपरा आ गया है और छठ पूजा में कहीं पर देव की मूर्ति होती है तो कहीं पर देवी की यह भी खोज का बिषय है। कभी मुझे लगता है कि यह सूर्य देव की पूजा है क्योंकि सूर्य देव की पूजा षष्ठी को होती  है। परंतु जब किसी देवी की मूर्ति देखता हूं तो यह समझ के बाहर चला जाता है कि क्या यह किसी देवी की पूजा है या सूर्य की पूजा है। 

मेरे घर में भी हमारी मां और पत्नी यह पूजा करती है परंतु मैं उनसे भी यह सवाल नहीं कर सकता कि यह देव की पूजा है या किसी देवी की पूजा है। क्योकि यह उनकी आस्था से जुड़ा है। इस पूजा में उनका गहरा बिश्वास जूदहुआ है। अगर वेदों का सहारा ली जाए तो हमें द्वापर युग में कर्ण द्वारा षष्ठी के दिन इस सूर्य की पूजा का प्रमाण तो मिलता है लेकिन षष्ठी बाबा छठी मैया कैसे बन गयी यह खोज का बिषय है।