Wednesday 12 August 2020

लकी नंबर ७८६ का अर्थ

इस्लाम धर्म में 786 का मतलब => "बिस्मिल्लाह उर रहमान ए रहीम" होता है अर्थात् अल्लाह का नाम

कुल संख्यात्मक मूल्य (total numerological value)  => इस्लाम धर्म में ‘बिस्मिल्लाह’, यानी कि अल्लाह के नाम को 786 अंक से जोड़कर देखा जाता है इसलिए मुसलमान इसे पाक अर्थात पवित्र एवं भाग्यशाली मानते हैं। कहते हैं यदि ‘बिस्मिल्लाह अल रहमान अल रहीम’ को अरबी या उर्दू भाषा में लिखा जाए और उन शब्दों के संख्यात्मक मूल्यों को जोड़ा जाए तो योग 786 आता है।



कुरआन => गौरतलब है कि "बिस्मिल्लाह उर रहमान ए रहीम" का प्रतिक चिन्ह या अंक ७८६ है ऐसा कुरआन में कहीं नहीं बताया गया है। परन्तु चूँकि ७८६ "बिस्मिल्लाह" के कुल अंकों का योग है। इसी कारन से ७८६ को भाग्यशाली अंक (लकी नंबर) मानाजाता है।

७८६ का जन्म => 786 का जन्म न्यूमैरोलॉजी से हुआ। जब इस्लाम हिंदुस्तान में दस्तक दिया तो हिंदुस्तान के न्यूमैरोलॉजी के विद्वानों ने न्यूरोलॉजी के माध्यम से इस अंक का जन्म दिया यही कारण है कि 786 को भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और भारत के आसपास के देश के लोग इस अंक को लकी नंबर मानते हैं। जबकि अरब देश के लोग (जहां से कि इस्लाम की शुरुआत हुई) ऐसा नहीं मानते हैं ।



एकता का प्रतीक 786
अंक ज्योतिष के अनुसार 786 को परस्पर जोड़ने पर (7+8+6=21) 21 प्राप्त होता है। अब यदि 21 को भी परस्पर जोड़ा जाए तो 3 प्राप्त होता है। तीन को करीब-करीब सभी धर्मों में शुभ अंक माना जाता है। इस्लाम धर्म में तीन अल्लाह, पैगम्बर और नुमाइंदे की संख्या भी तीन। इसी तरह हिंदू धर्म में तीन महाशक्तियां ब्रह, विष्णु महेश। इसलिए इसे कुदरत की शक्ति के रूप में एकता का प्रतीक माना गया है।




ओम और अल्लाह के लिखावट में सम्बन्ध




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